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चांदनी चौंक में निकाली गई पोह बदी दूज की भव्य ऐतिहासिक रथयात्रा

प्राचीन अग्रवाल दिगंबर जैन पंयायत के तत्वावधान में श्री दिगंबर जैन नया मंदिर धर्मपुरा चांदनी चौंक की पोह बदी दूज की 164 वर्षों से निकलने वाली प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव की ऐतिहासिक भव्य रथयात्रा 17 दिसंबर को निकाली गई जो बाजार गुलियान, दरीबां कलां, चांदनी चौंक, फतेहपुरी, खारी बावली, कुतुब रोड, सदर बाजार होते हुए दिगंबर जैन मंदिर पहाडी धीरज पहुंची जहां समाज ने रथयात्रा का भव्य स्वागत किया।

प्राचीन अग्रवाल दिगंबर जैन पंयायत के तत्वावधान में श्री दिगंबर जैन नया मंदिर धर्मपुरा चांदनी चौंक की पोह बदी दूज की 164 वर्षों से निकलने वाली प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव की ऐतिहासिक भव्य रथयात्रा 17 दिसंबर को निकाली गई जो बाजार गुलियान, दरीबां कलां, चांदनी चौंक, फतेहपुरी, खारी बावली, कुतुब रोड, सदर बाजार होते हुए दिगंबर जैन मंदिर पहाडी धीरज पहुंची जहां समाज ने रथयात्रा का भव्य स्वागत किया। रथ में भगवान की प्रतिमा को लेकर दीपक जैन व मुकेश जैन बैठे थे। अनिल जैन डिप्टी मल सारथी बने थे। 

विदित हो धर्मपुरा का यह मंदिर 220 वर्ष प्राचीन है, इस मंदिर के गर्भ गृह में आज तक भी बिजली की रोशनी की व्यवस्था नही है और प्रतिदिन श्री जी का अभिषेक व शांतिधारा आदि मांगलिक क्रियाएं केवल सूर्य की रोशनी में ही की जाती हैं। मंदिर की भव्य नक्काशी व कलाकृतियां ताजमहल को भी मात देती हैं। इस मंदिर की पहली रथयात्रा सन 1860 में पोह बदी दूज को ही निकली थी। उस समय तक किसी भी धर्म की कोई भी यात्रा नही निकली थी, यह पहली यात्रा थी जो अंग्रेजों की परमीशन से निकली  थी। 1960 में रथयात्रा का शताब्दी समारोह मनाया गया था।

 यहां नवनिर्मित 21 फुट ऊंचा भव्य मानस्तंभ भी है। मदिर में मूलनायक प्रतिमा प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ की है। पंचायत के प्रधान चक्रेश जैन ने बताया कि यह ऐतिहासिक रथयात्रा समाज में आपसी सदभाव का संदेश देती है। रथयात्रा में दिल्ली व आसपास के जैनों के अलावा अजैन लोग भी शामिल होते हैं। पहाडी धीरज मंदिर में भगवान का अभिषेक किया गया और फिर रथयात्रा धूमधाम से वापिस धर्मपुरा मंदिर लौटी। मार्ग में रथयात्रा का जगह-जगह भव्य स्वागत किया गया। रथयात्रा की अगवानी करते समाज के सुशील जैन, अतुल जैन, पुनीत जैन, सतीश बाबू, अनिल जैन बल्लू, सतेंद्र जैन आदि गणमान्य व्यक्ति चल रहे थे।

स्रोत- जैन गजट, 19 दिसंबर, 2024 पर:- https://jaingazette.com/chandni-chowk-mai-nikli-gye-poh/

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