“पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव” पाषाण से भगवान बनाने की मात्र एक क्रिया ही नहीं वल्कि भाव विशुद्धी के साथ भगवान की भक्ती करके भवसागर से पार उतरने का एक अतिउत्तम मार्ग है” उपरोक्त उदगार मुनि श्री प्रमाण सागर महाराज ने वैभवनगर में प्रातःकालीन धर्म सभा में व्यक्त किये।
मुनि श्री ने कहा “भवसागर से पार उतने के लिये दो ही मार्ग है “साधना तथा आराधना” साधना के मार्ग में चलने के लिये खुद अपना मार्ग बनाना पड़ता है,इस मार्गपर दृण इच्छा का धनी व्यक्ति ही चल सकता है दूसरा मार्ग है भगवान की भक्ती आराधना का मार्ग जिसमें “भाव विशुद्धी” के साथ भवसागर को पार किया जा सकता है”
मुनि श्री ने सभी को आशीर्वाद देते हुये कहा कि भले ही यह गोकुल नगर के जिनविम्वों कापंचकल्याणक है इसके साथ साथ वैभव नगर , उदय नगर , गोयल नगर , तिलक नगर , ग्रेटर ब्रजेश्वरी , संविद नगर , सुखशांति नगर एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी श्रद्धालुओं का पुण्य एक साथ जाग्रत हुआ जो चलकर वैभवनगर तक आ गया।धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू एवं धर्म प्रभावना समिति के प्रवक्ता अविनाश जैन विद्यावाणी ने बताया तय समय पर शंकासमाधान एवं भावनायोग प्रवर्तक मुनि श्री प्रमाण सागर महाराज मुनि श्री निर्वेग सागर, महाराज,मुनि श्री सन्धानसागर महाराज,क्षु.श्री आदरसागर,समादरसागर, चिद्रूपसागर,स्वभावसागर,
सुभगसागर महाराज के संघ सानिध्य में तथा प्रतिष्ठाचार्य अभय भैया,नितिन भैया,अनिल भैयातथा उदासीन आश्रम के सभी भैयाजी के साथ प्रारंभ हुआ संविदनगर कनाडिया रोड़ से होते हुये वैभवनगर पहुंचा इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्थान स्थान श्रद्धालुओं ने पाद प्रछालन किया सड़क पर सुंदर सुंदर रांगोली की गयी थी स्थान स्थान पर मुनिसंघ की मंगल आरती उतारी मुनिसंघ का जब मंगल प्रवेश पंचकल्याणक स्थल वैभवनगर में हुआ तो सभी उत्साही कार्यकर्ताओं ने इस अवसर गुरूदेव की जयजयकार की एवं पाद प्रछालन कर सामुहिक आरती उतारी, महोत्सव के संयोजक हर्ष जैन धर्मप्रभावना समिति के अध्यक्ष अशोक डोसी,नवीन आनंद गोधा,पार्षद राजीव जैन, मीडिया प्रभारी राहुल जैन, जुलूस संयोजक जिनेश झांझरी, पवन सिंघई, सहित बड़ी संख्या में धर्मप्रभावना समिति एवं सकल दि. जैनसमाज के कार्यकर्ता एवौ श्रद्धालु उपस्थित थे।
स्रोत- जैन गजट, 30 नवंबर, 2024 पर:- https://jaingazette.com/panchkalyanak-pratishtha-mahotsav-pashan/
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James martin
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