बीसपंथी मंदिर मल्हारगंज में चातुर्मास साधना कर रही आर्यिका 105 श्री सुनयमती माताजी ने अपनी गहन साधना द्वारा अभिमंत्रित चातुर्मास कलश पुण्यार्जक परिवारों को मंदिर व्यवस्था पर कमेटी व भक्तों के मध्य प्रदान किया।
बीसपंथी मंदिर मल्हारगंज में चातुर्मास साधना कर रही आर्यिका 105 श्री सुनयमती माताजी ने अपनी गहन साधना द्वारा अभिमंत्रित चातुर्मास कलश पुण्यार्जक परिवारों को मंदिर व्यवस्था पर कमेटी व भक्तों के मध्य प्रदान किया। धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि परम पुज्य
माताजी ने श्रीमती मनोरमादेवी बसंतजी पांड्या परिवार को अपने कर कमलों से चातुर्मास कलश प्रदान कर आशीर्वाद दिया। इस अवसर पर समाजसेवी श्री नरेश सेठी , श्री अजयपाल टोंग्या , श्री धर्मेंद्र पाटनी , श्री भरत काला , श्री अजय रावका , पवन बेन , सहित अनेक गणमान्य समाज जन उपस्थित थे ।
चातुर्मास समिति के वरिष्ठ
मनमोहन झांझरी ने बताया , माताजी ने अपने उद्बोधन में कलश के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “चातुर्मास कलश हमारे मन में आध्यात्मिक चेतना को जागृत करने और आत्मशुद्धि का मार्ग प्रशस्त करने का प्रतीक है। यह कलश समर्पण, संयम और साधना का प्रतीक है, जो साधक को आंतरिक शांति और परमात्मा के निकटता की अनुभूति कराता है। यह हमारे धर्म की शक्ति है, जो हमें नकारात्मकता से मुक्त कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है।”
स्रोत- जैन गजट, 4 नवंबर, 2024 पर:- https://jaingazette.com/bispanthi-mandir-malharganj-par-105/
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James martin
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