जयपुर के दादूदयाल नगर में उपाध्याय श्री 108 वृषभानंद जी महाराज संघ के पावन सानिध्य आज नवीन मंदिर निर्माण समिति की अगुवाई में पार्श्वनाथ महामंडल विधान की कि गई पूजा अर्चना
जयपुर के दादूदयाल नगर में
श्री 1008 मनोकामना पार्श्वनाथ, दिग.जैन चैत्यालय, दादू दयाल नगर, जयपुर से उपाध्याय श्री 108 वृषभानंद जी मुनिराज के पावन सानिध्य में श्री दिगम्बर जैन मंदिर निर्माण समिति की अगुवाई में सकल जैन समाज के सहयोग से नवीन जिन मंदिर (नेमीनाथ जिनालय)हेतु मनोकामना पार्श्वनाथ चैत्यालय से पार्श्वनाथ भगवान की जिन प्रतिमा को पालकी में विराजमान कर 351 सौभाग्यवती महिलाओं के द्वारा बैन्ड बाजों के साथ नाचते गाते हुए भव्य घट् यात्रा निकाली गई,
कार्यक्रम में जैन महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा ने शिरकत करते हुए बताया कि श्री जी की भव्य शोभायात्रा दादूदयाल नगर में पानी की टंकी के पास सार्वजनिक गार्डन में पहुंची, जहां पर बोली के द्वारा श्रीजी की भव्य शांति धारा कर अष्टद्रव्यों से पूजा अर्चना करते हुए सुख समृद्धि की कामना की गई। कार्यक्रम में उपाध्याय वृषभानंद जी मुनिराज के पावन सानिध्य सकल जैन समाज के सहयोग से विधानाचार्य नमन भैया दिल्ली के दिशा निर्देश में विभिन्न मंत्रोच्चारणों के द्वारा, संगीत कार रिषभ जैन के साज बाज के द्वारा 501 इंद्र इंद्राणियों द्वारा पार्श्वनाथ महामंडल विधान की भक्ति भाव के साथ श्रीफलों के द्वारा पूजा अर्चना की गई, इसी कड़ी में समाज समिति के अध्यक्ष सी.एम.जैन एवं मंत्री विनीत जैन ने बताया कि कार्यक्रम में श्रीमती लक्ष्मी जैन, महेंद्र -मृदुला , भूपेंद्र -किरण,शेलेन्द्र -रागिनी जैन के परिवार जनों के द्वारा झंडारोहण करने के बाद कार्यक्रम की शुरुआत हुई ,
कार्यक्रम में सौधर्म इन्द्र अजित कुमार -प्रवीण कुमार, चित्र अनावरण पदम चंद जैन सेठी परिवार,दीप प्रज्जवलन लक्ष्मी देवी जैन, पाद प्रक्षालन अजित कुमार -प्रवीण कुमार जैन थाना गाजी, शास्त्र भेंट मनीष -अर्चना दोषी, भोजन पुण्यार्जक निर्मल कुमार, सुरेंद्रकुमार,अर्पित जैन सी .ए , पांड्या परिवार सहित सभी धर्मावलंबियों ने पुण्य लाभ प्राप्त किया,समाजसेवी बलबीर बडजात्या (घोडीवाले) ने बताया कि कार्यक्रम में इससे पूर्व संध्या पर श्री मनोकामना पार्श्वनाथ चैताल्य पर 48 काव्य के भक्तामर पाठ का जाप किया गया, कार्यक्रम उपाध्याय वृषभानंद जी मुनिराज ने श्रृद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए अपने मंगलमय उदबोद्बन में बताया कि नवीन जिनालय का निर्माण कराकर भगवान विराजमान कराने वाले को अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है ,
पुण्य का पैसा भगवान की वेदी बनाने में, श्रीजी विराजमान करने में, घंटा, झालर, लगाने में एवं पाप का पैसा गलत जगह पर खर्च होता है, मंदिर बनाने में तन, मन, धन नहीं भाव होने चाहिए, संस्कार होने चाहिए, समर्पित भाव, श्रृदा, एवं भक्ति से मंदिर बनाये जाने पर सम्यक गति प्राप्त होती है मनुष्य जीवन बीमा करवाता है लेकिन वह पैसा मरने के बाद परिवार जनों को मिलता है और मंदिर में भावना से लगाया गया पैसा का बीमा इस जन्म सहित अगले सात भवों तक भी पुण्य अर्जित करता है, मुनिराज ने कहा कि राई के बराबर मूर्ति, धनिया के पत्ते के बराबर मंदिर बनाकर देने से अगले भवों तक मोक्षगामी होता है तथा कार्यक्रम में राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि गिरिराज शर्मा सहित सभी स्थानीय पार्षदों का सम्मान करने के बाद सभी आगंतुक मेहमानों का साफा, माला, शाल, दुपट्टा पहनाकर स्वागत सम्मान किया गया,
अध्यक्ष सी.एम. जैन ने बताया कि तरुण -रूबी, अंशिका एवं सार्थक जैन प्लेटिना वाले उक्त कार्यक्रम के पुण्यार्जक थे,उक्त कार्यक्रम में मंदिर समिति के अध्यक्ष सी.एम.जैन, मंत्री विनीत जैन, कोषाध्यक्ष अनिल जैन, कार्यकारिणी सदस्य एकेंन्द्र जैन बिलाला, प्रदीप जैन, विकास जैन ,प्रमोद जैन, मनीष जैन (डोसी ),अजित कुमार जैन, महेंद्र कुमार जैन (झंडेवाले), निर्मल पांड्या (सवाई माधोपुर वाले), धन कुमार जैन, पारस बोहरा (खेड़ली वाले), राजेश जैन, बाहुबली जैन, अभिषेक गोधा, नितिन जैन, मनीष जैन, सुबुद्धि जैन, नितिन जैन (सुमेर नगर) अशोक कुमार छाबड़ा ,विनय जैन, सहित रुपचंद बडजात्या,बलवीर बड़जात्या, पदम बिलाला ,सुशील छाबड़ा , मुन्ना छाबड़ा, साहिल बडजात्या,मोहनलाल जैन गोकुलपुरा फागी वाले तथा राजाबाबू गोधा सहित सभी पदाधिकारी गण एवं सारा सकल जैन समाज मोजूद था।
स्रोत- जैन गजट, 1 अक्टूबर, 2024 पर:-------
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James martin
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