पूरा संसार असार है यहां कोई सार नहीं है यही सोच कर नैनवां में जन्मे ब्रह्मचारी प्रेम कुमार जैन मोडीका का काफी लंबे समय से आचार्य इंद्रनदी जी महाराज के संघ में मुनि निपूर्णनंदी जी महाराज को केकड़ी ग्राम से पैदल सम्मेद शिखर जी लेकर जाने वहां चातुर्मास एवं वंदना कराने वाले और वापिस लेकर आने वाले पहले व्यक्ति है
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जो राजधानी जयपुर में रहकर पूरे परिवार सहित दो पुत्र एक पुत्री मे श्रीमती पदमा, मनोज~ नीतू ,मोहित रितु संस्कार,संस्कृति,समृद्धि आराध्या भरा-पूरा परिवार त्याग कर आप *पारसोला जिला प्रतापगढ़ 21 अक्टूबर 2024
पंचम पट्टाधीश आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज के कर कमलो से मुनि अपूर्व सागर जी एवं अर्पित सागर जी महाराज के ससंघ में जैनेश्वरी दीक्षा लेंगे
सलूंबर में दीक्षार्थी की गोद भराई कार्यक्रम 27 सितंबर संपन्न हुआ
आपके ग्रहस्थ जीवन के माता व पिता भी दिगंबर मुनि श्री समकीत सागर जी एवं आर्यिका श्री विमलमति माताजी थे जिन्होंने कहीं जगह राजस्थान में वर्षायोग कर अपने परिवार को ऐसे संस्कार दिए हैं जो स्वयं का कल्याण का मार्ग आपने ढूंढ निकाला
अनेकों बार साधु के सानिध्य में रहकर धर्म की गंगा आपके परिवार जनों ने धर्म का लाभ प्राप्त किया है नैनवा में भी अभी हाल भी आर्यिका विमल मति माताजी के नाम से एक होम्योपैथिक चिकित्सालय चल रहा है जिसमें प्रतिदिन 50 से 100 लोग अपना उपचार करा रहे हैं
धन्य है ऐसे नैनवा नगरी के भाई प्रेम कुमार जैन मोडीका जो संसार को त्याग कर दिगंबर मुनि बनने जा रहे हैं जितनी भी आपकी अनुमोदना की जाए वह कम है
स्रोत- जैन गजट, 30 सितंबर, 2024 पर: https://jaingazette.com/nenva-k-prem-kumar-jain/
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2 Comments
James martin
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