भगवान ऋषभदेव आदि पाँच तीर्थकरों की जन्मभूमि शाश्वत तीर्थ अयोध्या में तीनलोक की प्रतिमा एवं 1008 चौबीसी प्रतिमा पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव
29 Nov, 2024
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हाथ छोटे हो सकते हैं, पर हिम्मत छोटी नहीं हो सकती। यह उद्धगार भारत गौरव अंतर्मना तपाचार्य प्रसन्नसागर ने श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन खंडेलवाल मंदिर, जूनी शुक्रवारी में व्यक्त किए।
28 Nov, 2024
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जैन मिलन क्षेत्र क्रमांक 10 की महिला जैन मिलन भगवानगंज के तत्वावधान में क्षेत्रीय महिला सम्मेलन आदर्श गार्डन मोती नगर सागर से संपन्न हुआ।
28 Nov, 2024
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सोनीनगर जैन मन्दिर स्थापना दिवस रजत वर्ष के अवसर पर आज श्री शान्तिनाथ विधान का आयोजन सम्पन्न हुआ
28 Nov, 2024
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श्रद्धा पूर्वक मनाया तपकल्याणक , उमड़े श्रद्धालु
नीलांजना का नृत्य देख ऋषभदेव को हुआ संसार से वैराग्य, हुई दीक्षा विधि
अपने रूप को नहीं चारित्र को चमकाओ : मुनि श्री सुप्रभसागर जी महाराज
मुनिश्री बोले संसार के सारे सुख नश्वर होते हैं
28 Nov, 2024
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जनकपुरी ज्योति नगर जैन मंदिर में उपाध्याय श्री 108 वृषभानंद जी मुनिराज स संघ के पावन सानिध्य में पाँच दिवसीय श्री जिन सहस्र नाम विधान का हुआ भव्य समापन
शान्तियज्ञ के चौबीस हवन कुंड में आहुति के साथ विधान का हुआ समापन
पाँच दिन में श्री १००८ जिनेंद्र देव के १००८ नामों का हुआ अभिवन्दन पूजन
28 Nov, 2024
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सांगानेर के चित्रकूंट कॉलोनी महावीर दिगम्बर जैन मंदिर में मुनि समत्व सागर जी महाराज स संघ के पावन सानिध्य में चल रहे दस दिवसीय कल्पद्रुम महामण्ड़ल विधान एवं विश्वशांति महायज्ञ का भव्य साथ हुआ भव्यता के साथ समापन
मुनि समत्व सागर महाराज को समाज द्वारा ” युवा श्रुत संवाहक” की उपाधि से किया विभूषित
28 Nov, 2024
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जयपुर शहर में वरुण पथ दिगम्बर जैन मंदिर मानसरोवर में आचार्य श्री 108 शंशाक सागर जी महाराज स संघ के पावन सानिध्य हुआ पिच्छिका परिवर्तन समारोह हर्षोल्लास से सम्पन्न समाज साधु संतों की गतिविधियों में शत प्रतिशत भागीदारी प्रदान करें कोई भी संत छोटा बड़ा नहीं होता, हर संत को समानता की भावना से देखो, समाज साधु संतों का परिवार होता है
आचार्य शंशाक सागर
28 Nov, 2024
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दिगम्बर जैन सोशल ग्रुप तीर्थंकर जयपुर की 2024 की पांचवी मीटिंग बढ के बालाजी धाम पर सम्पन्न हुई, कार्यक्रम में सभी सदस्य दुर्गापुरा जैन मंदिरजी से बड के बालाजी पहुंचे।वहां पहुंच सबसे पहले भगवान चन्द्र प्रभ के विशाल मंदिरजी के सभी साधर्मी सदस्यों ने दर्शन किए।
28 Nov, 2024
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