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गणाचार्य श्री के 42 वें मुनि दीक्षा दिवस पर हुई विज्ञातीर्थ क्षेत्र पर भक्तामर दीपार्चना

श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी जिला टोंक राजस्थान में आज परम पूज्य गाना आचार्य विराग सागर महाराज जी का 42 वें मुनि दीक्षा दिवस के उपलक्ष्य में भक्तामर दीपार्चना का आयोजन संपन्न हुआ।

श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र सहस्रकूट विज्ञातीर्थ गुन्सी जिला टोंक राजस्थान में आज परम पूज्य गाना आचार्य विराग सागर महाराज जी का 42 वें मुनि दीक्षा दिवस के उपलक्ष्य में भक्तामर दीपार्चना का आयोजन संपन्न हुआ। परम पूज्य भारत गौरव गणिनी गुरुमां विज्ञाश्री माताजी ससंघ सान्निध्य में श्रीमान उमेश ममता बिंदायका बोराज वाले जयपुर सपरिवार ने श्री शांतिनाथ चैत्यालय में 48 दीपकों से भक्तामर स्तोत्र की आराधना की। अतिशयकारी श्री शांतिनाथ भगवान की शांतिधारा करने का सौभाग्य श्रीमान कमल जी कविता गोधा किशनगढ़ सपरिवार को प्राप्त हुआ। गुरु भक्त राजेंद्र जैन मंगल विहार जयपुर ने पूज्य गुरुमां का मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया। पूज्य गुरुमां ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि गुरुदेव आज हमारे बीच में नहीं है परन्तु उनकी शिक्षा,उनके उपकार, उनके संस्कार आज हमें उनकी यादों को ताजा कर रहे हैं। उन्होंने दीक्षा धारण कर हजारों जीवों का कल्याण किया है। परोपकारी गुरुदेव के चरणों में एक ही भावना है कि हमें ऐसी शक्ति प्रदान करें हम भी आपकी तरह मोक्ष मार्ग पर निरंतर बढ़ते रहे।
गणाचार्य विराग सागर जी महाराज के परम पावन शिष्य प्रवचन केसरी विश्रांत सागर जी महाराज अभी हाल में रीठी जिला कटनी मैं विराजमान है एम पी में वर्षा योग करके इतनी जैन धर्म के धर्म प्रभावना की है कि वहां का बच्चा-बच्चा महावीर के सिद्धांत को जानने लगा है जैन धर्म के क्या सिद्धांत है किसे जैन कहते हैं यह भी वह जानने लगे हैं

स्रोत- जैन गजट, 17 दिसंबर, 2024 पर:- https://jaingazette.com/ganacharya-shri-k-42-ve-muni-diksha-diwas/

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