आचार्य सुनील सागर महाराज द्वारा शत उपदेश जैन समाज के लिए ही नहीं प्राणी मात्र के कल्याण के लिए देते हैं
आचार्य सुनील सागर महाराज के संघ के मुनि श्रुतेशसागर जी सागर
मुनि सविज्ञसागर जी महाराज क्षुल्लक सुप्रकाश सागर जी महाराज
का नैनवा जिला बूंदी में 2024 का हाल ही वर्षा योग संपन्न हुआ
आचार्य सुनील सागर महाराज द्वारा शत उपदेश जैन समाज के लिए ही नहीं प्राणी मात्र के कल्याण के लिए देते हैं
आचार्य सुनील सागर महाराज के संघ के मुनि श्रुतेशसागर जी सागर
मुनि सविज्ञसागर जी महाराज क्षुल्लक सुप्रकाश सागर जी महाराज
का नैनवा जिला बूंदी में 2024 का हाल ही वर्षा योग संपन्न हुआ जिसमें मुनेश्वरी के सागर द्वारा और 48दिनों तक निर्जला उपवास बिना पानी करके तप साधना बहुत बड़ा उदाहरण देखने को पहली बार मिला
इस संपूर्ण राजस्थान नहीं भारतवर्ष में जैन साधुओं की तप तपस्या का बहुत बड़ा उदाहरण लोगों को दर्शनों का लाभ प्राप्त हुआ
जैन संतों के चरणों में भारत सरकार ही नहीं राज्य के बड़े-बड़े राजनेता भी आशीष लेने गुरु के चरणों में पहुंचते हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत सरकार के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला भारत सरकार के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी ऐसे परम तपस्वी आचार्य सुनील सागर महाराज का आशीष प्राप्त कर अपने को धन्य मानते हैं
राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा मुनि का आशीष प्राप्त कर उन्होंने बताया आपकी बातें प्रत्येक प्राणी के जीवन के लिए हितकारी है
आचार्य श्री ने कहा कि पिछली सरकार द्वारा कसाइयों को अनुदान दिए हैं ऐसे अनुदान कम किए जावे किसानों को अधिक अनुदान दिए जावे कसाइयों का अनुदान मुर्गी पालन मछली पालन जरूरी नहीं अनुदान उनको दिए जाएं यह जीव दया रक्षा हो
गोपालन जैसे अनुदान दे जिससे दूध घी गायों से गोबर प्राप्त हो
मुनि ने यह कहा कि भारतवर्ष कृषि प्रधान देश है भारत माता यहां की जननी है एक हमारा भारत वर्ष है जहां धरती को पूजा जाता है जिससे माता कहा जाता है अन्य देशों में विदेश में ऐसा नहीं है भारतवर्ष सभी धर्मों की जननी रहा है
आचार्य सुनील सागर महाराज आदि सागर अंकलीकर परंपरा के चतुर्थ पटाधीश हैं जो 60 पिछि धारी साधुऔ को एक साथ लेकर पैदल विचरण करके भगवान महावीर स्वामी के सिद्धांत जन जन तक पहुंचाते हैं अपनों से कमजोर प्राणियों पर दया करना भी धर्म है
अभी हाल ही 2024 का वर्षा योग आचार्य सुनील सागर महाराज द्वारा किशनगढ़ मदनगंज में हुआ अद्भुत वर्षा योग हुआ
आचार्य ने बताया की धर्म ही मनुष्य का सबसे बड़ा आभूषण है सोने के आभूषण पहनने से प्राणी को अपनी जान का खतरा सदैव बना रहता है धर्म के आभूषण ग्रहण करने से परिवार की अनोखी पहचान प्रतिष्ठा समाज में सामने उत्पन्न होती है ऐसा उन्होंने अपने उद्बोधन में बताया
जैन गजट पेपर के संवाददाता महावीर सरावगी नैनवां को मुनि ने अपना आशीष देते हुए कहा कि सदा धर्म रूपी कलम धर्म के कार्यों में अग्रसर चलाते रहना साधु संतों के शत उपदेश प्राणी मात्र का कल्याण करने वाले होते हैं इन्हें जैन गजट पेपर में प्रमुखता से प्रकाशित कराते रहना साधुओं के वचनों से मनुष्य का मन पवित्र और उत्तम होता है
स्रोत- जैन गजट, 10 दिसंबर, 2024 पर:- https://jaingazette.com/aacharya-jain-sant-sunil-sagar-maharaj/
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2 Comments
James martin
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