बड़ा जैन मंदिर मुरैना में 48 दीपों के साथ संगीतमय भक्तांबर पाठ का आयोजन किया गया ।
नायक परिवार गढ़ी वाले द्वारा आयोजित भक्तांबर पाठ के अवसर पर मंचासीन जैन साध्वी क्षुल्लिका अक्षतमति माताजी, ब्रह्मचारिणी बहिन अनीता दीदी एवम ललिता दीदी ने उपस्थित बंधुओं को संबोधित करते हुए कहाकि भक्तांबर पाठ का वाचन करने से प्राणी मात्र के पापों का क्षय होता है । नियमित रूप से पाठ करने पर व्यक्ति के सभी सांसारिक संकट टल जाते हैं । हम सभी को अनेकों भवों के पुण्य से जैन कुल में जन्म मिला है, इसे यू ही नहीं गवाना चाहिए । हम सभी को रात्रि में सोने से पूर्व एवम जागने पर नौवार णमोकार महामंत्र का जप अवश्य करना चाहिए । वर्तमान में सांसारिक प्राणी अपने पारिवारिक उत्सवों में होटल आदि में पार्टियां करता है । लेकिन योगेश जैन नायक ने अपने जन्मदिवस पर आज भक्तामर पाठ का आयोजन कर एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है । इस पुनीत कार्य हेतु सम्पूर्ण नायक परिवार बधाई का पात्र है । हम सभी को भी अपने पारिवारिक उत्सवों में ऐसे ही धार्मिक आयोजन करना चाहिए ।
भक्तांबर पाठ के वाचन से पूर्व महामंत्र णमोकार का जाप किया गया । संगीतमय ध्वनि के साथ भक्तांबर के 48 काव्यों के साथ साथ एक एक दीप प्रज्वलित किया गया । उपस्थित बंधुओं, माता बहिनों ने भक्ति नृत्य प्रस्तुत करते हुए दीप समर्पित किए। कार्यक्रम के समापन पर पुण्यार्जक नायक परिवार की ओर से सभी को श्रीफल प्रदान किए गए । नायक परिवार में अनिल अंजू जैन की वैवाहिक वर्षगांठ एवम योगेश जैन के जन्मदिवस पर आयोजित भक्तांबर पाठ में सभी लोग हर्ष उल्लास के साथ भक्तिमय भजनों पर नृत्य कर रहे थे ।
इस पावन अवसर पर चक्रेश शास्त्री, नवनीत शास्त्री, प्रेमचंद जैन, राजेंद्र भंडारी, प्राचार्य अनिल जैन, विनोद जैन तार, एडवोकेट धर्मेंद्र जैन, अभिषेक जैन, शैंकी जैन, एडवोकेट दिनेश जैन, सुनील जैन, सुनीत जैन, महावीर जैन, सतेंद्र जैन, रानू जैन, सोनू जैन, अशोक जैन, ऋषभ जैन, रमाशंकर जैन, नरेश जैन, अनिल जैन, राजकुमार जैन, अनूप जैन, पदमचंद जैन, मनीष जैन, विरेंद्र जैन, प्रवीण जैन, अमर जैन, प्रदीप जैन, मुन्नी साहुला, करुणा जैन, ज्योति जैन, जैन छात्रावास के छात्र, जैन मित्र मंडल के सभी सदस्यगण सहित सैकड़ों की संख्या में साधर्मी बंधु माता बहिनें एवं नायक परिवार के सभी सदस्यगण उपस्थित थे ।
स्रोत- जैन गजट, 5 दिसंबर, 2024 पर:- https://jaingazette.com/48-deep-pravajlit-kar-ki-gye-bhaktabar/
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James martin
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