जीवन परिचय
धर्मनिष्ठ श्री विमल चंद जी जैन पाटनी नहीं रहे
(जैन गजट के संवाद दाता पारस जैन पार्श्वमणि के पिताजी का 14 नवंबर 2024 को हुआ निधन)
कोटा राजस्थान
देव, शास्त्र, गुरु के परम भक्त, व्यवहार कुशल, प्रभावशाली व्यक्तित्व एवं धर्म निष्ट आदरणीय श्रीमान विमल चंद जी पाटनी का जन्म दिनांक 1 जनवरी 1946 को धर्म प्राण नगरी उज्जैन जिले के पारसोली ग्राम में श्रावक श्रेष्ठी श्रीमान केसरीमल जी एवं माताश्री श्रीमती केसर बाई के घर आंगन में हुआ ।
आदरणीय श्रीमान विमल चन्द जी पाटनी का तीन भाई एवं तीन बहिनो का भरा पूरा परिवार है । जो क्रमशः तेज कुमार जी , नेमीचंद जी , बहिनें शांति जी टोंग्या, कमला जी लुहाड़िया एवं गुणमाला जी बेनाडा है
ये स्वयं दूसरे नम्बर के सुयोग्य सुपुत्र थे ।
दिनांक 14/11/2024 अष्टानिका पर्व चतुर्दशी के दिन दोपहर साढ़े बारह बजे नमोकार महामंत्र , मेरी भावना, तत्वार्थ सूत्र ,वैराग्य भावना सुनते हुए आदरणीय बाबूजी ने अपनी देह का त्याग किया एवं हमेशा के लिए इस संसार को अलविदा कह दिया ।
आप दिनांक 16 अगस्त 2022 को ब्रेन पैरालाइसिस अटैक की बीमारी से ग्रसित हो गए थे । तभी से आपके सुपुत्र श्री पारस जी पार्श्वमणि एवं पुत्र वधु सारिका जी ने दिन रात आपकी काफी सेवा सुश्रुषा की ।
आदरणीय श्रीमान विमल चंद जी पाटनी का शुभ विवाह आगर मालवा जिले के तनोडिया ग्राम के श्रावक श्रेष्ठी श्रीमान चम्पा लाल जी बाकलीवाल की सुयोग्य , संस्कारवान सुपुत्री श्रीमती शांति देवी जी के साथ हुआ ।
आपके एक सुयोग्य सुपुत्र, सर्व श्रेष्ठ संवाददाता, अवॉर्ड विजेता, 35 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र के उल्लेखनीय योगदान देने वाले , 15 लाख मासूम बच्चों को मांसा हारी होने से बचाने वाले भाव पूर्ण भजनों की शानदार प्रस्तुति देने वाले श्री पारस जी जैन पार्श्वमणि का शुभ विवाह बारां कुंजेड़ निवासी श्रावक श्रेष्ठी श्रीमान कैलाश चंद जी – श्रीमती कौशल्या देवी जी की सुयोग्य सद संस्कारो से युक्त सुपुत्री श्रीमती सारिका जी के साथ संपन्न हुआ ।
आपकी सुपुत्री श्रीमती ममता जी जैन का शुभ विवाह (अटरु वाले) श्री राजेन्द्र जी अजमेरा के साथ हुआ जो अभी महावीर नगर 2nd में निवास करते है ।
आपके दो पोत्रिया खुशबू एवं गरिमा जैन है एवं एक नाती प्रबल जैन और एक नातिन चंचल जैन है ।
आदरणीय बाबूजी ने अभी दसलक्षण महापर्व पर 8 उपवास एवं 2 व्रत किए
आपको 21 साधु संतों का भी आशीर्वाद मिला
अभी हाल ही में जयपुर मुख्यमंत्री निवास पर पहली बार सामूहिक क्षमावाणी का भव्य आयोजन किया गया उस अवसर पर श्री पारस जी जैन पार्श्वमणि को वर्तमान का श्रवण कुमार एवं श्रीमती सारिका जी जैन को सतयुग की नारी की उपाधि से अलंकृत मुख्य मंत्री के द्वारा किया गया । अपार जन सैलाब की उपस्थिति में आचार्य शशांक सागर जी महाराज सहित 13 संतो के पावन सानिध्य में किया गया
हम सभी जिनेन्द्र देव के चरणों में निवेदन करते है कि दिवंगत आत्मा को शांति एवं सद्गति मिले एवं इनके परिजनों को इस असहनीय दुःख को सहन करने की शक्ति प्राप्त हो ऐसी भावना भाते है ।
स्रोत- जैन गजट, 16 नवंबर, 2024 पर:------
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2 Comments
James martin
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