आज, 12 नवंबर, मंगलवार को भारत की राजधानी में अद्भुत, अभूतपूर्व, अद्भुत भगवती जिनदीक्षा महामहोत्सव शुरू होने जा रहा है, यह पवित्र अवसर भावलिंगी संत श्रमणाचार्य गुरुदेव के “स्वर्ण चर्चा महोत्सव और रजत संयमोत्सव वर्ष 2022-2024 का समापन है” श्री 108 विमर्शसागर जी महामुनिराज महाअनुष्ठान।
राजधानी दिल्ली में होने जा रहा है जिनागम पंथी गुरु भक्तों का महाकुंभ ।
*राजधानी में भावलिंगी संत आचार्य श्री द्वारा प्रदान की जा रहीं हैं 13 भगवती जिनदीक्षा।
आज, 12 नवंबर, मंगलवार को भारत की राजधानी में अद्भुत, अभूतपूर्व, अद्भुत भगवती जिनदीक्षा महामहोत्सव शुरू होने जा रहा है, यह पवित्र अवसर भावलिंगी संत श्रमणाचार्य गुरुदेव के “स्वर्ण चर्चा महोत्सव और रजत संयमोत्सव वर्ष 2022-2024 का समापन है” श्री 108 विमर्शसागर जी महामुनिराज महाअनुष्ठान।
जी हाँ, यमुनापार जैन समाज के साथ सम्पूर्ण राजधानी दिल्ली जैन समाज के अथक प्रयासों से वह समय भी आ ही गया जब राजधानी में भावलिंगी संत आचार्य श्री द्वारा प्रदान की जा रहीं हैं 13 भगवती जिनदीक्षा।
की सम्पूर्ण भारत वर्ष में राजधानी दिल्ली में होने जा रहीं भगवती जिनदीक्षा धूम मच रही है। दिल्ली NCR के ऋषभ विहार में स्थित जिनतीर्थ मण्डपम्, C.B.D. ग्राउण्ड में सम्पन्न होगा यह चार दिवसीय महा-अनुष्ठान
12 नवम्बर को चातुर्मास स्थल कृष्णानगर से प्रातः 06 बजे से प्रारंभ होगी जैन रेजीमेन्ट परेड के साथ महा-अनुष्ठान के मंगलाचरण के रूप में घटयात्रा का भव्यातिभव्य महा जुलूस । जिनतीर्य मण्डपम् CBD ग्राउण्ड पहुंचकर रेजीमेन्ट समूह द्वारा आचार्य श्री को विनयांजलि समर्पित की जावेगी। साधना जीवन की निर्विघ्नता हेतु 1008 जोड़ों के साथ सभी दीक्षार्थी करेंगे “श्री गणधर वलय विधान” । आचार्य श्री ने कहा- “जीवन में आने वाले विघ्नों की शांति के लिए यह अनुष्ठान अवश्य करना चाहिए।” हैलीकॉप्टर द्वारा पुष्पवृष्टि के साथ सम्पन्न होगा प्रातःकालीन दिव्य अनुष्ठानो दोपहर में बालब्रह्मचारिणी विशु दीदी सहित सभी 13 दीक्षार्थियों को वैराग्य हल्दी उत्सब में हल्दी लगाई जाएगी, साथ ही संध्या बेला सुप्रसिद्ध भजन गायक रूपेश जैन की स्वर लहरियों के साथ दीक्षार्थियों के पवित्र करों में वैराग्य वर्धक मेंहदी रस्म सम्पन्न की जाएगी।
13 नवम्बर, बुधवार को परम पूज्य भावलिंगी संत आचार्य श्री वमर्शसागर जी महामुनिराज की 50 वीं जन्म जयन्ती महोत्सव एवं मुनि दीक्षा के 25 वर्षों की पूर्णता के मांगलिक सु-अवसर पर “स्वर्णिम विमरा उत्सव” एवं “रजत संयमोत्सव” का समापन पूज्य आचार्य भगवन की महापूजा के साथ किया जाएगा। दोपहर में विविध आयोजनों के साथ होगा चतुर्विध संघ का भव्य पिच्छिका परिवर्तन समारोह । संध्याबेला में सुप्रसिद्ध भजन गायक विक्की डी पारिख, मुम्बई द्वारा “वैरागियों का
विदाई ‘उत्सव” सानन्द सम्पन्न होगा ।
14 नबम्बर गुरुवार को प्रातः बेला में दीक्षार्थियों की आहार विधि अभ्यास कराया जाएगा। वहीं दोपहर 12 बजे से आदर्श महाकवि आचार्य गुरुवर विमर्शसागर जी महामुनिराज के चरणों में बैठकर डॉ. कुमार विश्वास के साथ अनेकों कविगण करेंगे आध्यात्मिक काव्य पार । इसी मध्य में आचार्य गुरुवर की मौलिक कृति “विमर्श लिपि” एवं “विमर्श भूम्बिसा नवीन भाषा का भव्य विमोचन भी किया जाएगा। शाम 05 बजे से समस्त यमुनापार जैन समाज के तत्त्वावधान में महाविशाल शोभायात्रा विनौली यात्रा निकाली जाएगी।
15 नवम्बर शुक्रवार को बदल जायेंगे अब तक के सम्पूर्ण इतिहास । सम्पूर्ण भारत वर्ष में सैकड़ों विनौली यात्रा के द्वारा की गई अनूठी धर्मप्रभावना के साथ 15 नवम्बर को राजधानी में दी जायेंगी वीर बेटियों को भगवती जिनदीक्षा प्रातःकाल की मंगल बेला में 05 बजे से दीक्षार्थियों की मंगल केशलौंच आदि कियाओं के साथ प्रारंभ होगा भगवती जिनदीआ महामहोत्सव । देशभर से कई हजारों की विशाल संख्या में जिनागम पंथी गुरु भक्तों का महाकुंभ लगेगा राजधानी दिल्ली में ।
स्रोत- जैन गजट, 11 नवंबर, 2024 पर:- https://jaingazette.com/rajdhani-delhi-mai-hone-ja-rha-hai-jinagam/
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James martin
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