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आचार्य पद्मनंदी महाराज और चर्या शिरोमणी आचार्य श्री 108 विशुद्धसागर जी महाराज संसघ मंगल मिलन

जयदु जिणिंदो महावीरों | आचार्य पद्मनंदी महाराज और चर्या शिरोमणी आचार्य श्री 108 विशुद्धसागर जी महाराज संसघ मंगल मिलन कल विहार के दौरान कुन्नूर में हुआ

जयदु जिणिंदो महावीरों | आचार्य पद्मनंदी महाराज और चर्या शिरोमणी आचार्य श्री 108 विशुद्धसागर जी महाराज संसघ मंगल मिलन कल विहार के दौरान कुन्नूर में हुआ | धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने कहा कि चर्या शिरोमणी आचार्य श्री 108 विशुद्धसागर जी महाराज संसघ का मंगल विहार गोम्मटेश बाहुबली श्रवणबेलगोळ कर्नाटक के लिए चल रहा है |
संभवता 25/11/24 की शाम को या 26/11/24. की सुबह आचार्य श्री विशुद्धसागर जी ससंघ का भव्य मंगल प्रवेश दक्षिण भारत के सुप्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र गोम्मटेश बाहुबली श्रमणबेलगोला जी कर्नाटक मे होगा |

चर्याशिरोमणी आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज सहित उनके 19 शिष्य –

1.श्रमण मुनि श्री सुव्रतसागर जी
विशेषता – हिंदी टिकाकार
उपाधी- साहित्याचार्य

2. श्रमण मुनि श्री साम्य सागर जी
विशेषता- संस्कृत अध्ययन – अध्यापन में रुची
उपाधी- संस्कृत – प्रवीण

3. श्रमण मुनि श्री संजयंत सागर जी
विशेषता – योग विद्या प्रवीण
उपाधी- आत्म – बिहारी

4. श्रमण मुनि श्री यशोधर सागर जी
विशेषता – वैयावृत्ती निपुण
उपाधी- गुरू चरणानुरागी

5. श्रमण मुनि श्री यत्न सागर जी
विशेषता – सुरु – साधक
उपाधी- यत्नशील

6. श्रमण मुनि श्री निर्ग्रन्थ सागर जी
विशेषता – सरल हृदय
उपाधी- आदर्श -शिष्य

7. श्रमण मुनि श्री निर्मोह सागर जी
विशेषता – प्रण – प्रिय साधक
उपाधी- श्रुत – निष्ठ

8. श्रमण मुनि श्री निसंग सागर जी
विशेषता – प्रज्ञावान,हसमुख
उपाधी- आत्मनुशासक

9. श्रमण मुनि श्री निर्विकल्प सागर जी
विशेषता – साधना – अनुरक्त
उपाधी- निर्लिप्त – साधक

10. श्रमण मुनि श्री जितेंद्र सागर जी
विशेषता – दृढता, विनम्रता
उपाधी- आत्म- चिंतक

11. श्रमण मुनि श्री सुभग सागर जी
विशेषता – विधी विधान निपुण
उपाधी- प्रतिष्ठा -प्रज्ञ

12. श्रमण मुनि श्री सिद्ध सागर जी
विशेषता – अध्ययनशील
उपाधी- स्वाध्याय – प्रिय

13. श्रमण मुनि श्री सिद्धार्थ सागर जी
विशेषता – ब्राम्ही लिपी अनुवादक
उपाधी- गुरुभक्त

14. श्रमण मुनि श्री सहर्ष सागर जी
विशेषता – दयालू करुणावंत
उपाधी- प्रसन्नधिया

15. श्रमण मुनि श्री सत्यार्थ सागर जी
विशेषता – वैयवृत्ती में तत्पर
उपाधी- गुरू चरणानुगामी

16. श्रमण मुनि श्री सार्थक सागर जी
विशेषता – तप त्याग अनुरक्त
उपाधी- अंतेवासीन

17. श्रमण मुनि श्री सार्थ सागर जी
विशेषता – नितिज्ञ
उपाधी- सर्वांग सुंदर

18. श्रमण मुनि श्री समकित सागर जी
विशेषता – ज्ञान ध्यान प्रवीण
उपाधी- आत्म ध्यानी

19. श्रमण मुनि श्री सम्यक सागर जी
विशेषता – संघर्षशील
उपाधी- भक्त वत्सल

आगामी भव्य पंचकल्याणक श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र जैनरगुत्ती हासन (कर्नाटक) 28 नबम्बर 2024 से 4 दिसम्बर 2024 तक संपन्न होगा | नमोस्तु शासन जयवंत हो |

स्रोत- जैन गजट, 7 नवंबर, 2024 पर:-------

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2 Comments

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