जैन धर्म का 2550 वां वीर निर्वाण सम्वत् का दीपावली पर हुआ समापन
वीर निर्वाण सम्वत् 2551 वां निर्वाणोत्सव वर्ष का 1 नवंबर 2024 से हुआ शुभारंभ
फागी कस्बे सहित परिक्षेत्र के चकवाडा, चोरू,नारेड़ा,मंडावरी, मेहंदवास, निमेडा, लसाडिया तथा लदाना में जैन धर्मावलम्बियों ने विश्व वंदनीय, अहिंसा प्रणेता, वर्तमान शासन नायक ,जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर का निर्वाण महोत्सव भक्ति पूर्वक मनाया कार्यक्रम में जैन महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा ने शिरकत करते हुए बताया कि जैन धर्म का 2550 वीर निर्वाण साल का दीपावली पर समापन होने के साथ ही नया साल वीर निर्वाण सम्वत् 2551 वां का कार्तिक कृष्णा अमावस्या,शुक्रवार, 01 नवम्बर को शुभारंभ हुआ ,गोधा ने अवगत कराया कि
कार्यक्रम में 1नवम्बर को परिक्षेत्र के जिनालयों सहित कस्बे के आदिनाथ जिनालय,बीचला मंदिर, मुनिसुव्रतनाथ मंदिर, त्रिमूर्ति मंदिर, पार्श्वनाथ चैताल्य चंद्रप्रभु नसियां तथा चंद्रपुरी दिगम्बर जैन मंदिर में आर्यिका सुप्रज्ञमति माताजी स संघ के पावन सानिध्य में श्री जी के समक्ष निर्वाण लाडू चढ़ाया गया इसी कड़ी में चंद्रप्रभु नसियां मंदिर में प्रातः श्री जी का अभिषेक शांतिधारा, पंचामृत अभिषेक के बाद अष्टद्वव्यों से पूजा-अर्चना करने के बाद निर्वाण कांड भाषा का वाचन किया गया तथा सारे सकल जैन समाज ने भगवान महावीर के जयकारों के साथ सामूहिक रूप से निर्वाण का लाडू चढ़ाकर विश्व में सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की।
सरावगी समाज के अध्यक्ष महावीर अजमेरा ने बताया कि उक्त कार्यक्रम में समाज के वयोवृद्ध रतन धाबड धींगा, फागी पंचायत के पूर्व सरपंच ताराचंद जैन, प्यारचंद पीपलू, मोहनलाल झंडा,मुनि भक्त केलास कलवाडा, नेमीचंद कागला,समाज सेवी सोहनलाल झंडा,केलास कासलीवाल, केलास उनियारा,प्रेमचंद भंवसा, सुरेश सांघी,फागी पंचायत समिति के पूर्व प्रधान सुकुमार झंडा, पूर्व प्रधान महावीर जैन, अग्रवाल समाज के अध्यक्ष महावीर झंडा, सरावगी समाज के अध्यक्ष महावीर अजमेरा, सत्येन्द्र झंडा, मंत्री कमलेश चोधरी, हरकचंद पीपलू, सोभाग सिंघल, ओमप्रकाश कासलीवाल, अनिल कठमाना, राजेश छाबड़ा, एडवोकेट रवि जैन,महेंद्र बावड़ी,विरेन्द्र दोषी,रमेश बावड़ी, सुरेंद्र पंसारी, महावीर मोदी, त्रिलोक पीपलू, विमल कलवाडा, सुनील बजाज,कमलेश सिंघल, महेश बावड़ी, उदित गोधा,डालू बावड़ी, कान्हा बावड़ी, ललित मांदी,त्रिलोक पीपलू, विमल कलवाडा तथा राजाबाबू गोधा सहित सभी श्रावक श्राविकाएं मोजूद थे।
स्रोत- जैन गजट, 5 नवंबर, 2024 पर:- https://jaingazette.com/fagi-kasbe-sahit-parishetra-mai-jain-dharm/
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James martin
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