जैन मुनि ने बताया कि ईश्वर की शांति धारा जिनालय में जब-जब की जाती है वह राष्ट्रीय देश शहर गांव में रहने वाले सभी प्राणी मात्र की शांति बनी रहे इसके लिए मंत्रो द्वारा शांति धारा की जाती है
नैनवा 5 नवंबर 2024 मंगलवार को जैन मुनि श्रुतेशसागर जी सागर महाराज की पाद पक्षालन से शुरू हुई धर्म सभा
जैन मुनि ने बताया कि ईश्वर की शांति धारा जिनालय में जब-जब की जाती है वह राष्ट्रीय देश शहर गांव में रहने वाले सभी प्राणी मात्र की शांति बनी रहे इसके लिए मंत्रो द्वारा शांति धारा की जाती है
शांति धारा का प्रभाव बताते हुए बताया कि जिन परिवारों में शांति धारा की जाती है वह सदा मंगल मंगल कार्य होते हैं
मुनि ने यह भी बताया कि संसार में अगर शिक्षा लेनी है तो अपने भाई से लेवे वह कभी गलत शिक्षा नहीं देगा उदाहरण स्वरूप राम लक्ष्मण दोनों भाइयों का वात्सल्य प्रेम का उदाहरण देकर मुनि ने बताया
आज का इंसान गलत वस्तुओं को भोग करके अपना स्वयं का स्वास्थ्य खराब कर रहा है गुटके शराब पर लिखा रहता है इनको खाने से कैंसर रोग उत्पन्न होता है फिर भी मनुष्य गुटखा का शराब सेवन कर रहा है
जानवर वस्तु खाने से पहले सूंघता है उसके बाद ही वस्तु को खाने प्रयास करता है मनुष्य का ज्ञान तो जानवर से भी हल्का हो रहा है
दीपावली के महान पर्व पर मुनि ने बताया कि नैनवा में पहली बार मैंने सुना यहां पर पटाकों का जोरदार युद्ध हुआ होता है
इससे कहीं लोगों के गंभीर चोटें भी उत्पन्न होती है युवाओं को आहान करते हुए मुनि ने कहा कि फटाके का युद्ध बंद करने का संदेश दिया इसे अपना और दूसरों का अहित होता है पटाखों से आंख कान आदि का नुकसान पहुंच सकता है
ऐसा मुनि ने अपने संबोधन में युवाओं को बताया
स्रोत-जैन गजट, 5 नवंबर, 2024 पर:- https://jaingazette.com/rastriye-desh-mai-shanti-bani-rahe-iske/
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James martin
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