News details

img समाचार

व्यवसाय में अहिंसा व नैतिकता जरूरी : डॉ. दिलीप धींग

भोगीलाल लहरचंद प्राच्यविद्या संस्थान एवं केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में 26 अक्टूबर 2024 को वल्लभ स्मारक, दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में साहित्यकार डॉ. दिलीप धींग ने शोधालेख प्रस्तुति के साथ व्याख्यान दिया। 

दिल्ली।  भोगीलाल लहरचंद प्राच्यविद्या संस्थान एवं केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में 26 अक्टूबर 2024 को वल्लभ स्मारक, दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में साहित्यकार डॉ. दिलीप धींग ने शोधालेख प्रस्तुति के साथ व्याख्यान दिया। प्राकृत-पालि साहित्य में भारतीय ज्ञान सम्पदा विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी में डॉ. दिलीप धींग ने कहा कि प्राकृत भाषा का आगम साहित्य टिकाऊ अर्थव्यवस्था की प्रतिष्ठा करता है। अपव्यय और अनुत्पादक व्यय पर अंकुश लगाता है। स्थानीय अर्थव्यवस्था पर बल देने के साथ वैश्विक व्यापार के सन्दर्भ देता है। डॉ. धींग ने स्पष्ट किया कि आगमिक अर्थशास्त्र में पशु पक्षियों के प्रति करुणा और पर्यावरण रक्षा का प्रभावी मार्गदर्शन मिलता है।
प्रणत धींग द्वारा प्राकृत भाषा में मंगलाचरण और हिन्दी काव्यपाठ के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ। डॉ. दर्शना जैन ने संचालन किया। डॉ. धींग ने अपनी चर्चित पुस्तक ‘मूल्यात्मक अर्थशास्त्र (आगम साहित्य के आलोक में)’ भेंट की। इस अवसर पर निदेशक प्रो. विजय कुमार जैन, उपाध्यक्ष जितेंद्र बी. शाह, डॉ. अनिलकुमार जैन, डॉ. श्रीयांश सिंघई, प्रो. धर्मचंद जैन, प्रो. कमलेशकुमार जैन, डॉ. राका जैन, मनीष मोदी सहित बड़ी संख्या में संस्कृत, प्राकृत और पालि के विद्वान उपस्थित थे।

स्रोत- जैन गजट, 30 अक्टूबर, 2024 पर:- https://jaingazette.com/vyavsay-mai-ahinsa-va-netikta-jaruri/

icon

Children education manual .pdf

2 Comments

img
James martin
Reply

Lorem ipsum dolor sit amet, cibo mundi ea duo, vim exerci phaedrum. There are many variations of passages of Lorem Ipsum available but the majority.

img
James martin
Reply

Lorem ipsum dolor sit amet, cibo mundi ea duo, vim exerci phaedrum. There are many variations of passages of Lorem Ipsum available but the majority.

Leave a comment