उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में “प्रभावना पुरुषोत्तम” की उपाधि से किया गया अलंकृत
पुरस्कृत होने से मिलती है नई ऊर्जा : मुनि श्री सुप्रभसागर महाराज
जीवन मूल्यों को प्रतिष्ठापित करने हेतु संकल्पित उत्कर्ष समूह भारत द्वारा प्रतिवर्ष समाजसेवा,श्रुत संवर्द्धन, देव-शास्त्र-गुरु के प्रति समर्पण, साहित्यिक अवदान, प्रभावना आदि के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले किसी एक विशिष्ट व्यक्तित्व को संयम पुरुषोत्तम श्रमणाचार्य श्री विशुद्धसागर पुरस्कार प्रभावना पुरुषोत्तम उपाधि के साथ प्रदान किया जाता है।वर्ष 2024 का यह पुरस्कार व उपाधि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में श्रमण मुनि श्री सुप्रभसागर जी महाराज,श्रमण मुनि श्री प्रणतसागर जी महाराज के सान्निध्य में युवा मनीषी,अनेक कृतियों के संपादक,निरंतर लेखनकार्य में संलग्न, अनेक सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर आसीन होकर समाजसेवा में संलग्न जैन गजट के सह संपादक डॉ० सुनील जैन संचय ललितपुर को उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए समारोह पूर्वक 20 अक्टूबर रविवार को प्रदान किया गया। साथ ही “प्रभावना पुरुषोत्तम” उपाधि से भी अलंकृत किया गया।उत्कर्ष समूह द्वारा डॉ० सुनील संचय को तिलक, माला,श्रीफल,साहित्य,पुरस्कार प्रशस्ति पत्र,उपाधि प्रशस्ति पत्र,माला,शाल, पगड़ी,पुरस्कार राशि,अंग वस्त्र आदि के साथ भव्य रूप से सम्मानित किया गया। संचालन उत्कर्ष समूह के निदेशक राजेन्द्र जैन महावीर सनावद ने किया।सम्मान समारोह के पूर्व विदुषी जैन लखनऊ ने मंगलगीत प्रस्तुत किया। प्रशस्ति पत्र का वाचन डॉ. सोनल कुमार जैन दिल्ली ने किया।
यह प्रतिष्ठित पुरस्कार उत्कर्ष समूह के अध्यक्ष रविन्द्र जैन गहाणकर अमरावती, महाराष्ट्र,संयोजक अरविंद बुखारिया उज्जैन,संजीव जैन लखनऊ,उपाध्यक्ष जागेश जैन लखनऊ आदि उत्कर्ष समूह के पदाधिकारियों के साथ ही देश के मूर्धन्य मनीषियों डॉ० श्रेयांस कुमार जैन बड़ौत अध्यक्ष अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्री परिषद ,डॉ० जयकुमार जैन मुजफ्फरनगर ,अधिष्ठाता श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर,जयपुर,प्रोफेसर श्रीयांस सिंघई जयपुर राष्ट्रीय संस्कृत विश्विद्यालय जयपुर सेवानिवृत्त प्रोफेसर , ब्रह्मचारी जयकुमार निशांत टीकमगढ़ महामंत्री अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्री परिषद ,प्रो अशोक कुमार जैन वाराणसी अध्यक्ष-अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत् परिषद, प्रो अभय कुमार जी जैन लखनऊ
उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश शोध संस्थान लखनऊ , पंडित विनोद जैन रजवांस उपाध्यक्ष अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्री परिषद, ब्र० डॉ० अनिल जैन प्राचार्य आचार्य संस्कृत महाविद्यालय सांगानेर जयपुर,डॉ० विमल जैन जयपुर,प्रोअनेकांत जैन दिल्ली लाल बहादुर संस्कृत विश्विद्यालय दिल्ली , पंडित पवन जैन दीवान सागर उपाध्यक्ष अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्री परिषद ,राजेन्द्र जैन महावीर सनावद निर्देशक उत्कर्ष समूह, डॉ०पंकज जैन इंदौर, डॉ० आनंद जैन वाराणसी ,डॉ० सोनल कुमार जैन ,संयुक्तमंत्री अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्री परिषद दिल्ली, डॉ० बाहुबली जैन इंदौर,पं० प्रद्युम्न शास्त्री जयपुर,डॉ० राजेश शास्त्री ललितपुर,मनीष विद्यार्थी , पंडित प्रिंस शास्त्री लखनऊ आदि ने अपने कर कमलों से प्रदान किया।इस दौरान उत्कर्ष समूह भारत के अध्यक्ष रवींद्र गहाणकर अमरावती ने बताया कि उत्कर्ष समूह भारत,श्रमण मुनि श्री सुप्रभसागर जी महाराज की प्रेरणा से स्थापित ऐसा समूह है जो जीवन मूल्यों को प्रतिष्ठापित करने हेतु संकल्पित है।
इस मौके पर मुनि श्री 108 सुप्रभसागर महाराज ने कहा कि पुरस्कार,सम्मान मिलने से सम्मानित व्यक्तित्व को और अधिक ऊर्जा प्राप्त होती । विशिष्ट व्यक्तित्व- प्रतिभा का सम्मान करना एक अच्छी परंपरा है। इससे दूसरों को प्रेरणा मिलती है तो वहीं समाज को टेलेंट मिलता है। जो पुरस्कृत होते हैं उनका उत्साहवर्धन होता है तथा अन्य लोगों को प्रेरणा मिलती है। पुरस्कृत व्यक्तित्व को मेरा मङ्गल आशीर्वाद है कि वे इसी प्रकार से प्रभावना करते रहें। उत्कर्ष समूह समाजसेवा के क्षेत्र में प्रशंसनीय कार्य कर रहा है।
इस उपलब्धि पर अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन शास्त्री परिषद, अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत् परिषद, भारतवर्षीय तीर्थक्षेत्र कमेटी,
उत्तर प्रदेश-उत्तरांचल तीर्थक्षेत्र कमेटी,प्रभावना जनकल्याण परिषद, दिगम्बर जैन पंचायत ललितपुर ,प्रागैतिहासिक तीर्थक्षेत्र नवागढ़,करुणा इंटरनेशनल,दिगम्बर जैन महासभा,वर्णी विकास संस्थान समिति, अखिल भारत जैन पत्रकार महासंघ, श्री महावीर दिगम्बर जैन संस्कृत विद्यालय एवं श्री गणेश वर्णी जैन छात्रावास साढूमल, चिंतन समूह आदि संस्थाओं ने हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं प्रेषित कर उज्ज्वल भविष्य की मङ्गल कामना की है।
उल्लेखनीय है कि 2022 में यह प्रतिष्ठित पुरस्कार श्री प्रमोद जैन वारदाना सागर को विदिशा में, वर्ष 2023 का पुरस्कार श्री तेज कुमार विनायका को उज्जैन में मुनिश्री के सान्निध्य में प्रदान किया गया था।
स्रोत- जैन गजट, 24 अक्टूबर, 2024 पर:- https://jaingazette.com/aachara-shri-vishudsagar-puraskar-se-smammanit/
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2 Comments
James martin
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