20 वीं सदी के प्रथमाचार्य सन्मति रत्न वात्सल्य दिवाकर आचार्य श्री 108 शांति सागर जी महाराज का दीक्षा शताब्दी वर्ष महोत्सव शहर के मध्य स्थित भगवान 1008 श्री चंद्रप्रभु परेड मंदिर में बड़े ही हर्सोल्लास पूर्वक मुनि श्री 108 विनय सागर जी महाराज (ससंघ) के मंगल सानिध्य में मनाया गया
20 वीं सदी के प्रथमाचार्य सन्मति रत्न वात्सल्य दिवाकर आचार्य श्री 108 शांति सागर जी महाराज का दीक्षा शताब्दी वर्ष महोत्सव शहर के मध्य स्थित भगवान 1008 श्री चंद्रप्रभु परेड मंदिर में बड़े ही हर्सोल्लास पूर्वक मुनि श्री 108 विनय सागर जी महाराज (ससंघ) के मंगल सानिध्य में मनाया गया जिसमे श्री दिगंबर जैन गोलालारे समाज समिति (मुनिभक्त) भिंड के संयोजन में आयोजितहुआ,
कार्यक्रम में सर्वप्रथम ध्वजारोहण किया गया तत्पश्चात मंदिर कमेटी द्वारा आचार्य श्री 108 शांति सागर जी महाराज का चित्र अनावरण एवं शहर की महिला मंडल सदस्यों द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया
आचार्य श्री के पूजन के पश्चात मुनिश्री 108 विनय सागर जी महाराज ने आचार्य श्री शांति सागर जी महाराज के जीवन पर प्रकाश डाला और उनके जीवन में घटी विपरीत परिस्थितियों में भी दृढ़ इच्छा शक्ति के साथ धर्म को जीवंत रखने के कथानकों से श्रावकों को रूबरू कराया
कार्यक्रम में पधारे हुए अतिथियों का स्वागत एवं सम्मान आयोजक संस्था दिगंबर जैन गोलालारे समाज समिति (मुनिभक्त)भिंड द्वारा किया गया एवं कार्यक्रम का संचालन धर्मेंद्र जैन पहाड़िया ने किया
इस अवसर पर बड़ी संख्या में समाज के गणमान्य नागरिक एवं शहर की महिला मंडल के सदस्य मौजूद रहे संस्था अध्यक्ष रविंद्र जैन द्वारा आभार व्यक्त किया गया
स्रोत- जैन गजट, 17 अक्टूबर 2024 पर:------
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James martin
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