नैनवां 11 सितंबर शुक्रवार 2024 कोटिया जी के जैन मंदिर में मुनि श्री के सानिध्य में अभिषेक शांति द्वारा संपन्न हुई
बघेरवाल पंचायती नोहरे में शिलान्यास स्थल पर मंगलाचरण की प्रस्तुति श्रीमती शिवानी जैन हरसोला द्वारा दी गई
नैनवां 11 सितंबर शुक्रवार 2024 कोटिया जी के जैन मंदिर में मुनि श्री के सानिध्य में अभिषेक शांति द्वारा संपन्न हुई
बघेरवाल पंचायती नोहरे में शिलान्यास स्थल पर मंगलाचरण की प्रस्तुति श्रीमती शिवानी जैन हरसोला द्वारा दी गई
समारोह के अध्यक्ष कमल कुमार जैन मारवाड़ा मुख्य अतिथि शैलेंद्र जैन मारवाड़ा विशेष अतिथि महावीर सरावगी के द्वारा आचार्य श्री की तस्वीर दीप प्रज्वल किया
सभी अतिथियों को समिति द्वारा तिलक माला पहनकर स्वागत सम्मान किया
जिला कोटा से आए राजमल जैन पटौदी पूर्व अध्यक्ष दिगंबर जैन समाज कोटा का स्वागत सम्मान किया
उन्होंने ने बताया कि नैनवा धर्म नगरी है वर्षा योग में मुनि द्वारा 48 उपवास तप साधना करने पर पूरे नगर का नाम संपूर्ण राजस्थान में धर्मानगरी तपस्वी नगरी के नाम से जाना गया मैं भी आज दर्शन करने आया हु
पंडित नरेंद्र शास्त्री द्वारा शिलान्यास का सभी कार्य विधि विधान कराया गया
छुल्लक सुप्रकाश सागर जी महाराज ने बताया
धर्म दो प्रकार का होता है मुनि धर्म धर्म श्रावक धर्म श्रावकों में दान पूजा मुख्य बताया है यात्री के लिए धर्मशाला का निर्माण कराया जाता है संतों के लिए संत शाला का निर्माण कराया जाता है
इन दोनों में अपना धन लगाना पुण्य कार्य बताया
अच्छा बीज बोने पर अच्छी फसल प्राप्त होगी
जैन मुनि श्रुतेशसागर जी महाराज ने बताया
बड़े-बड़े जिनालय में बाहर के भक्तों के लिए धर्मशालाओं का निर्माण कराया जाता है ताकि वह सुचारू रूप से रह सके
शुद्ध मन से धर्म कार्य करने पर बहुत लाभ प्राप्त होता है
किसान को खेत में अच्छा बीज डालने पर अच्छी फसल उत्पन्न होती है मुनि ने कहा बहुत ही पुण्यशाली जीव का पैसा ही तीर्थ जिनालय शिलान्यास में काम आता है
अधर्म से कमाया गया पैसा कभी भी जिनालय मे नहीं लगता है
स्रोत- जैन गजट, 11 अक्टूबर, 2024 पर: https://jaingazette.com/tapasvi-samrat-aacharya-sanmati-sagar/
Copyright © 2024 All Rights Reserved
2 Comments
James martin
ReplyLorem ipsum dolor sit amet, cibo mundi ea duo, vim exerci phaedrum. There are many variations of passages of Lorem Ipsum available but the majority.
James martin
ReplyLorem ipsum dolor sit amet, cibo mundi ea duo, vim exerci phaedrum. There are many variations of passages of Lorem Ipsum available but the majority.